साज़िशें लाखो बनती है राधे मुझे मिटाने की,
बस दुआयें मेरे साई की उन्हें मुकम्मल नहीं होने देती
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Tuesday, 28 March 2017
*जो ईश्वर रात को* *पेड़ों पर बैठे* *परिंदो को नींद मे भी कभी* *गिरने नही देता*
*जो ईश्वर रात को*
*पेड़ों पर बैठे*
*परिंदो को नींद मे भी कभी*
*गिरने नही देता*
*वो ईश्वर*
*इंसान को, कैसे*
*बेसहारा छोड़ सकता है*
*हाथ से किया हुआ दान*
*और*
*मुख से लिया*
*भगवान का नाम*
*कभी व्यर्थ नही जाता*
🙏🌺॥ॐ साईराम॥🌺🙏
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