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Thursday, 9 March 2017

लाखों भटकते हैं, पर वो एक मंजिल दिखलाता है,लाखों रोते बिलखते हैं,वो आंसू पोंछने आता है,दिल में उठती जो दुआ,एक पल में ही सुन जाता है,वही नूरे-जहाँ, इस दुनिया में 'साई' कहलाता हैं ।
🙏🌺॥ॐ साईराम॥🌺🙏

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