साज़िशें लाखो बनती है राधे मुझे मिटाने की,
बस दुआयें मेरे साई की उन्हें मुकम्मल नहीं होने देती
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Saturday, 4 March 2017
तेरे सिवा नहीं कोई हमारा,है
तू ही मेरी मंज़िल तू ही मेरा किनारा है
मेरे तन में प्राण,लब प जोे मुस्कान है
तेरी ही बदौलत 'बाबा'मेरी पहचान हैं
🙏🌺॥ॐ साईराम॥🌺🙏
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